नर्सरी में एडमिशन प्रोसेस जनवरी से!

हिन्दी कोना - Monday, November 22, 2010 8:38:29 AM



नर्सरी स्कूलों में दाखिले का तरीका अब पूरी तरह बदल चुका है| राइट टु एजुकेशन एक्ट लागू होने के बाद पैरंट्स को नर्सरी एडमिशन क्राइटेरिया में इस बार आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, साथ ही उन्हें कुछ और इंतजार भी करना पड़ सकता है। निदेशालय सूत्रों का मानना है कि इस बार राइट टु एजुकेशन एक्ट लागू होने से एडमिशन क्राइटेरिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। मसलन एक्ट में स्क्रीनिंग प्रोसेस पर पूरी तरह बैन है और पिछले साल तक नर्सरी एडमिशन के लिए जो 100 पॉइंट फॉर्म्युला बनाया जाता था, उसके कई पॉइंट में बदलाव हो सकते हैं। निदेशालय ने भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पूछा है कि पॉइंट सिस्टम को किस स्तर तक लागू किया जा सकता है? साथ ही क्या डिस्टेंस फैक्टर, सिबलिंग का क्राइटेरिया भी स्क्रीनिंग के दायरे में आता है? निदेशालय सूत्र बताते हैं कि मंत्रालय से गाइड लाइंस के बारे में लगातार बात की जा रही है और यह पता चला है कि एचआरडी ने इस मसले पर कानून मंत्रालय से भी सलाह मांगी है। एचआरडी की ओर से गाइड लाइंस आने के बाद निदेशालय जल्द से जल्द नया फॉर्म्युला स्कूलों को जारी कर देगा। निदेशालय का कहना है कि अगर 15 दिसंबर के बजाय जनवरी के शुरू में एडमिशन प्रोसेस शुरू किया जाए तो भी कोई मुश्किल नहीं होगी। बच्चों को तो पहली अप्रैल से ही स्कूलों में जाना होता है।
 

शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि अभी तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय से नर्सरी एडमिशन को लेकर गाइड लाइंस नहीं मिली हैं और एडमिशन शुरू करने के प्रोसेस को आगे खिसकाने के ऑप्शन पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। निदेशालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि इस बार दिसंबर के बजाय जनवरी में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू किया जा सकता है। चूंकि नया सेशन अप्रैल में शुरू होता है, इसलिए जनवरी में एडमिशन प्रोसेस शुरू करने पर भी मार्च तक इसे आसानी से निपटाया जा सकता है।
 

निदेशालय के अनुसार रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी, पैरंट्स को रजिस्ट्रेशन के लिए पूरा समय मिलेगा। साथ ही सभी स्कूलों के लिए स्टैंडर्ड रजिस्ट्रेशन फॉर्म जारी किया जाएगा ताकि पैरंट्स को मुश्किल न हों। सभी स्कूलों में एक साथ ही रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू होगा। स्कूलों को निदेशालय की गाइड लाइंस के मुताबिक ही एडमिशन करने होंगे। हर स्कूल को पैरंट्स को यह बताना होगा कि उनके यहां कितनी सीटें हैं और स्कूल क्या एडमिशन क्राइटेरिया फॉलो कर रहा है?


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